“खौलता है खून”
वो सूनी आँख का श्वेत कतरा ,
देखूँ , तो खौलता है खून।
वो बचपन का खिलौना टूटा,
देखूँ तो खौलता है खून।
वो सूनी कलाइयों का ठिठकना,
देखूँ तो खौलता है खून।
वो बूढ़े बाप का झुका कांधा,
देखूँ तो खौलता है खून।
कि अब जाग जाओ देश कहीं,
पानी न बन जाये खौलता ये खून।
…निधि…