खौफ रहजन का रखे हो,…..
82…
1.5.24
Ramal musamman mahzuuf
faa’ilaatun faa’ilaatun faa’ilaatun faa’ilun
2122 2122 2122 212
खौफ रहजन का रखे हो, दर खुला भी रखते हो
पास जो मैं हूँ तभी ये हौसला भी रखते हो
#
सोच अपनो की ,है बीमारी ,तुझे खा जाएगी
आदमी दर आदमी खुद को जुदा भी रखते हो
#
गर सुनो पंचायते दुनिया जहाँ की बे सबब
तुम मुकम्मल कोशिशों में फासला भी रखते हो
#
क्यूं लिखा था सीने उसका नाम सोचा समझा सा
तोड़ने का रात दिन अब सिलसिला भी रखते हो
#
मुंसिफों तकरार कितनी अंदरूनी हो रहे
तुम चलन अपना अहम सा फैसला भी रखते हो
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर
जोन 1 स्ट्रीट 3 दुर्ग छत्तीसगढ़