खौफनाक आइना
नारीवाद का नारा देने वाले खुद उसका अपमान करते हैं,
श्रद्धांजलि देने के नाम पर किसी को खरी खोटी खूब सुनाते हैं,
करता कोई दूसरा गलत तो कैंडल मार्च शान से निकालते हैं,
पर करते जब खुद गलत तो गांधीजी के तीन बंदरों को याद करते हैं,
लव जेहाद के नाम पर कई मासूमों की जिंदगी तबाह करते हैं,
करते गलत अपनी ख्वाइशों के लिए और बदनाम धर्मो को करते हैं,
सजा देते किसी आतंकी को तो न्याय का ताला तुड़वाते है,
पर किसी बेगुनाह की तकलीफ पर सब मौन और गायब हो जाते हैं,
अपने फायदे के लिए लोकतंत्र के स्तम्भ को भी बेच
देते हैं,
बिक जाती जब मीडिया तो खुद को छोड़ दोष सबको देते हैं,
देश आन की खातिर जो बेपरवाह जान अपनी खतरे में डालते हैं,
अपनी शोहरत के लिए कुछ लोग उन्हीं के अपनों पर लांछन बेहिसाब लगाते हैं