— खो गयी मासूम परी —
दो महीने पहले की बात याद है
एक पास में रहती परी नानी के यहाँ गयी
वकत खराब था कोरोना का सब जगह
माँ बेटी संग अपने पापा के घर आ गयी !!
दिल के करीब थी वो नन्ही सी जान
रोजाना स्टेटस पर नजर आ जाती थी
दादा दादी उस के पापा देख देख कर
हर्ष के साथ जैसे वो स्टेटस से बाहर आ जाती थी !!
दिन गुजरा रात हुई वो मनहूस सुबह आ गयी
बच्ची आँगन में रोजाना की तरह घूम रही थी
अचानक से दिल दहलाने वाली खबर
उस के पापा के मोबाईल पर बस आ गयी थी !!
नहीं रही दुनिया में वो लाडली 8 माह की
बिजली के करंट से वो परलोक सिधार गयी
जिस ने नही देखे थे ठीक से अपने प्यारे
वो आँख बंद कर के सब कुछ अपना छोड़ गयी !!
भगवान् क्यूं देता है तू औलाद किसी को
जब इतनी जल्द ही अपने पास बुलाना था
जिन्दगी भर का गम सब को दे गयी वो परी
शायदा उप्पर वाला उस गम से अंजना था !!
हम भूल नहीं सकते उस मासूम का चेहरा
उस वक्त कैसा हाल हुआ होगा देख कर अँधेरा
माँ की ममता कितना चीखी चिल्लाई होगी
जब आंसुओं की धार से विदा किया होगा उस का चेहरा !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ