खो गया है बचपन
खो गया है बचपन
सड़क के किनारों में,
चाय की दुकानों में,
बड़े बड़े मकानों में।
खो गया है बचपन।
गरीबी के हालातों में,
जुर्म की जंजीरों में,
नामी गिरामी कारखानों मे।
खो गया है बचपन।
नशे के गुब्बारों में,
मजबूर हालातों में,
ज़िन्दगी के हादसों में।
खो गया है बचपन।
– श्रीयांश गुप्ता