खो गया बचपन
*****खो गया बचपन******
***********************
कहीं पर खो गया है बचपन
कहीं से भी ढ़ूंढ लाओ बचपन
खेल खिलौने कहीं हैं छूट गए
मोबाइल निगल गया बचपन
नानी दादी सुनाती कहानियाँ
बीती बात सी हो गया बचपन
संस्कृति, संस्कार भी नष्ट हुए
पश्चिमी धुन पर नाचता बचपन
ग्रामीण घरेलू खेल हैं लुप्त हुए
पबजी ने छीन लिया है बचपन
कसरत,व्यायाम हुई बीती बातें
सुस्ताने लग गया प्यारा बचपन
देसी रंगर रलियाँ हो गई नीरस
पाश्चात्य की भेंट चढ़ा बचपन
भाई बहन को नहीं भाई बहन
नियोजित हो गया अब बचपन
बदल गई है शैली और शक्ल
मनसीरत एकांत हुआ बचपन
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)