खोल नैन द्वार माँ।
आधार छंद:-शिव
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खोल नैन द्वार माँ।
देख एक बार माँ।
द्वार पर खड़ी सुता,
हाथ को पसार माँ।
हाथ जोड़कर पड़ी,
दो असीम प्यार माँ।
शीश है झुका हुआ,
कष्ट से उबार माँ।
धूप दीप आरती,
भोग है हजार माँ।
नहीं विधान जानता,
तुच्छ को निहार माँ।
करो पूर्ण कामना,
नेह दो दुलार माँ।
सिद्ध काज कीजिये,
अब मुझे न टार माँ ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली