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15 Nov 2018 · 1 min read

खोये खोये से रहते थे

खोये खोये से रहते थे
बड़े खोये खोये से रहते थे

तेरी ही जुस्तजू में नैना
हर वक़्त सोये सोये से रहते थे

जिस दिन तुझ से गुफ़्तगू ना हो
तो नैना रोये रोये से रहते थे

तेरे इश्क़ में इस क़दर थे पागल
नैना हर दिन नहाये धोये से रहते थे

जब जब तू गुज़री किसी औऱ गली से
उस दिन बेरुख़ी में नैना रोये रोये से रहते थे

रहते थे कुछ दिन गुमसुम गुमसुम
बेवजहा के काँटें बोये बोये से रहते थे

आ जाके इन्हें वो मौसम फ़िर लौटा दे
माही मेरे ये दो नैना ओये होये से रहते थे

~अजय “अग्यार

2 Likes · 1 Comment · 291 Views
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