खोया प्यार
तुम देखते थे जब मुझको
दुनिया हसीन लगती थी
बस तुझे पाने की उम्मीद में
मेरी जिंदगी ये चलती थी।।
कहां खो गये हो तुम अब
आंखें देखने को तरसती है
रोता हूं चुपके से मैं अब
जब ये बारिश बरसती है।।
ज़माने से तो छुपा लेता हूं आसूं
अपने दिल को मैं कैसे समझाऊं
बहुत हुआ अब दिल करता है मेरा
हवा बनकर मैं तुमसे मिलने आऊं।।
आऊंगा कैसे मैं मिलने तुम्हें
जानता ही नहीं हो कहां तुम
हवा में भी ताज़गी नहीं रही
जानेमन जबसे तुम हुए हो गुम।।
ज़िंदगी रुक गई है मेरी
याद आती है बस तेरी
मिल जाए अब तू अगर
जिंदगी संवर जाएगी मेरी।।
आस में पाने की तुम्हें मैं अब जी रहा
विरह में तेरे अब आंसू मैं बहा रहा
गुलज़ार हो रही आज मेरी जिंदगी फिर
सनम मेरा आज मुझसे मिलने आ रहा।।