Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2020 · 1 min read

“खोना पाना”

“खोना पाना ”
जीवन में कुछ खोना और पाना ही आनंद है।
कभी खुश हो जाना कभी गमों में डूब जाना है।
अंतर्मन में अनुभवों को जगाना कुछ सीख जाना है।
किसी वस्तुओं की खोजबीन शुरू कर नया मोड़ में मुड़ जाना है।
कुछ त्यागकर कुछ तप साधना से मिल जाना है।
किसी गंतव्य स्थान में पहुंच कर पुनः दूसरे स्थान पर जाना है।
इच्छाओं व कामनाओं की पूर्ति हेतु लक्ष्य बनाना जरूरी है।
जीवन में कुछ खोकर पाना मुश्किल है और कुछ पाकर खोना भी आसान नहीं है।
जय श्री राधेय जय श्री कृष्णा

Language: Hindi
3 Likes · 459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमें क़िस्मत ने
हमें क़िस्मत ने
Dr fauzia Naseem shad
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
Shweta Soni
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"सत्य"
Dr. Kishan tandon kranti
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
रजनी कजरारी
रजनी कजरारी
Dr Meenu Poonia
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
धार तुम देते रहो
धार तुम देते रहो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
#निर्विवाद...
#निर्विवाद...
*प्रणय प्रभात*
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
कवि दीपक बवेजा
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
yuvraj gautam
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
23/37.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/37.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*
Ravi Prakash
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Madhu Shah
सूखी टहनियों को सजा कर
सूखी टहनियों को सजा कर
Harminder Kaur
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
Kanchan Khanna
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...