खोज
अंबर के तारों से पूछा
पता तुम्हारा
अपलक अपलक
लंबी प्यासी राह से पूछा
कहां छिपा?
निर्झर निर्झर
सूखी नदिया की धार से पूछा
क्या बरसेगा?
जलधर जलधर
और यूं ही जब खो गई थी
खोज भी
मिल गए तुम
अचानक अचानक
अंबर के तारों से पूछा
पता तुम्हारा
अपलक अपलक
लंबी प्यासी राह से पूछा
कहां छिपा?
निर्झर निर्झर
सूखी नदिया की धार से पूछा
क्या बरसेगा?
जलधर जलधर
और यूं ही जब खो गई थी
खोज भी
मिल गए तुम
अचानक अचानक