खेल,
खेल,
जिसके समझ नहीं आ रहा ,
वह चला गया,
जिसको समझ आ गया,
वह भी चला गया,
जो मूर्ख था ठहरा रहा,
तमाशा देखने को वहीं।
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।
खेल,
जिसके समझ नहीं आ रहा ,
वह चला गया,
जिसको समझ आ गया,
वह भी चला गया,
जो मूर्ख था ठहरा रहा,
तमाशा देखने को वहीं।
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।