खेल सारा वक्त का है _
खेल सारा वक्त का है _
जिनके साथ रहकर सपने सजाए
“वक्त “ने_
उन्ही के साथ रहने नही दिया।
गलती हमारी थी _
या
#वक्त #को यही मंजूर था।
कवि राजेश व्यास अनुनय
खेल सारा वक्त का है _
जिनके साथ रहकर सपने सजाए
“वक्त “ने_
उन्ही के साथ रहने नही दिया।
गलती हमारी थी _
या
#वक्त #को यही मंजूर था।
कवि राजेश व्यास अनुनय