खेल शतरंज का
ढेरो खेल खेलें बचपन मे
गिल्ली डंडा, फुटबॉल और क्रिकेट
लूडो कैरम और शतरंज भी
हर खेल से होते मनोरंजन और स्वास्थ्य लाभ
पर शतरंज जो कराए दिमागी कसरते
उसका ना कोई जवाब, खेल है लाजवाब
इस खेल में सबकी सीमा तय-
सबकी चालें निश्चित-
ऊँट तिरछा चले
तो हाथी सीधा-सरपट दौड़ लगाये
घोड़ा चले ढाई घर
और प्यादे की बात करें तो
दौड़ सिर्फ एक खाने भर की
और तेज दिमाग इन्ही चालों से
तय करते हैं
अंजाम शतरंज के खेल का!
काश! यह सिर्फ एक खेल ही होता
अब तो
यह जीवन की धारा बन गया है-
और हर आम इंसान
बन गए हैं मोहरें-
शातिर खिलाड़ी करते है सुनिश्चित
किसे ऊंट बनाना है
और किसे हाथी या घोडा
और हम आप जैसे
उनकी चालों से बेखबर
उनकी बिछायी बिसात पर
उनकी शह और मात का मोहरा बनते जाते है….निरंतर.!!