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24 May 2019 · 1 min read

खेल जिन्दगी के

दिनांक 24/5/19

खेल है
जिंदगी
खिलाड़ी हैं
सब
डोर है
पास उसके
नाचते हम

सुख दुःख
है दुनियां में
छोड़ो सब
उस पर,
खेल है
निराले उसके
कभी दे खुशी
तो कभी गम

स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
1 Like · 471 Views
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