खेल खिलाड़ी
कठिनाई आती हैं मुश्किलों से ना हो विमुख,
अपने पैरों पर चल,जीत खडी होगी सम्मुख.
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कम हो गई अब दूरियाँ, फैल गई नफरत ,
खरपतवार ज्यों बढाये, कृषक की आफत.
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करी पढाई पढ गये, कागद लेकर हाथ,
सोच विचार किये नहीं, कौन देगा साथ.
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तू प्रभारी यां जगत का, पूछे न तुझे कोय,
जो तू रमया विलास में, वैसी बरकत होय.
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साधना साधक की कभी निष्फल न जात,
अंतस जागे तमस मिटे ज्योति जले ज्योत.