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13 Jul 2024 · 1 min read

खूब लगाओ डुबकियाँ,

खूब लगाओ डुबकियाँ,
गंग धार में मित्र ।
मैला तन तो धुल गया,
कैसे धुले चरित्र ।।

सुशील सरना / 13-7-24

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