खूबसूरत सा नजारा
खूबसूरत सा नजारा (गीतिका)
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है बहुत ही खूबसूरत सा नजारा।
हो गया है स्वर्णमय आकाश सारा।
रंग सिंदूरी बिखरने लग पड़ा ज्यों।
डोलता चुपचाप है मन का शिकारा।
तार झंकृत हो रहे तन के सहज ही।
गुनगुनाने लग पड़ा मन मस्त प्यारा।
स्वर लहरियां भी थिरकने लग पड़ी हैं।
खूब हर्षित हो रहा सागर किनारा।
सूर्य का रथ छोर अंतिम छू रहा जब।
कर रहा देखो नमन है सिंधु खारा।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य।
मण्डी, हिमाचल प्रदेश।