खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं
खूबसूरत बहुत हैं दुनिया में परियाँ
मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं
दुनिया की दौलत, रुपया और शौहरत
मेरी माँ के आगे सब फीकी पड़ी हैं
मैं राजा बनूँ या रहूं मैं भिकारी
मगर प्यार माँ का कभी बदला नहीं हैं
न गाड़ी से मतलब, न पैसे से मतलब
बस मैं बन जाऊँ क़ाबिल, माँ का सपना यहि हैं
भले माथे पे पड़ गयी शिकन हो
भले उनकी याददाश्त अब थोड़ी कम हो
पर गोलू-गोलू कहते वो थकती नहीं हैं
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
मगर मेरी माँ के आगे कुछ भी नहीं हैं
✍️ D. K math