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23 Sep 2017 · 1 min read

खूनी गीत

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जब भी मैंने कलम उठाया !
लिखने को कोई गीत नया !!
कलम मेरे रूक जाते हैं !
विचार लुप्त हो जाते हैं !!
क्योंकि, बम-बारूद की भाषा !
आज कवियों की है अभिलाषा !!
हर कविता में खूनी रंग !
हर पंक्ति में है आतंक !!
लिखना है मुझे नया गीत !
पर नहीं लिखूंगा खूनी गीत !!
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Language: Hindi
430 Views
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