खुश तो हूं
कुछ तो किया जग में आकर
सब कुछ लिया जग में आकर
थोड़ा सा विश्वास भरा था
जीने का उन्माद बड़ा था
गैरों का सुना शांत भाव से
अपना किया बड़े आराम से
आज कर रहा जो कुछ भी
पर चुप तो हूं, खुश तो हूं।
कुछ ने टोका, कुछ ने रोका
सबका सुन के हमने देखा
संपति का रौब दिखाते कई हैं
दायित्व पे बड़ा पछताते कई हैं
आय किसी का बड़ा गजब
व्यय किया किसी ने बड़ा अजब
कोई बना अमीर तो कोई बना गरीब
पर चुप तो हूं, खुश तो हूं।
पत्थर को भगवान कहा हैं
तभी राम का नाम पड़ा हैं
नारी की महिमा से देखो
कई लोग जो वीर बना हैं
ईश्वर की कृपा प्यारी है
शक्ति उसकी अति भारी हैं
पल में विकास,पल में विध्वंस
शांत रहे तभी जग सारी हैं
कोई माने या ना माने
पर चुप तो हूं, खुश तो हूं।