खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
औरों को तनिक खुशी देने में क्यूॅं घबरा जाते हैं हम!
औरों का भी दुःख-दर्द गर थोड़ा-बहुत समझें हम,
तो खुशियाॅं दोगुनी हो जाएगी मिलकर बाॅंट लेंगे हम!
…. अजित कर्ण ✍️