खुशियों से भी चेहरे नम होते है।
खुशियों से भी चेहरे नम होते है।
कौन कहता है कि रोने को बस गम होते है।।1।।
दिलों के दरम्यां फासले आते है।
जब रिश्तों में होने को अकीदे कम होते है।।2।।
दूसरों पर क्या उंगली उठाना यारों।
अपनी बरबादी की वजह खुद हम होते है।।3।।
ख्वाहिशात क्या बताएं हम अपने।
इस जिन्दगी में जानें कितने वहम होते है।।4।।
हर किसी की खैरियत पूंछा करो।
अदबो लिहाज़ जीने में बड़े अहम होते है।।5।।
मजहबे इंसा है या इंसाने मजहब।
अदीबो और आलिमों से यह हम पूंछते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ