खुशियां बेवफ़ा होती है।
सारी खुशियां बेवफ़ा होती है गम वफा करते हैं।
ये आकर चली जाती है साथ गम सदा रहते है।।1।।
ना पूंछ जिन्दगी जीने का सलीका उन लोगों से।
कुछ लोग हो गम या खुशी हमेशा हंसा करते है।।2।।
हो हाल कैसा भी वे खुदा का शुक्र अदा करते है।
इबादत करने वाले जहां में सबसे जुदा होते हैं।।3।।
अपने आमाल ना देखते है खुदको अदीब कहते है।
खुदा वाले हो करके भी मुसलमां गुनाह करते है।।4।।
जानें कैसा अकीदा है मुहब्बत में जख्म खाते है।
आशिकों के दिलों में कहां ये दर्द दिखा करते है।।5।।
बयां क्या करें उनको जुबां से वो बदनाम हो जायेगे।
अक्सर ही हम कागज़ पर उनको लिखा करते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ