खुशियां तो होंगी वहां पर।
चलते है चांद पर चांदनी की नवाजिश होगी,,,
जीने में जहां पर ना कोई नुमाइश होगी।।
ये खुशियां तो होगी वहां पर,,,
पर गमों की ना कोई गुंजाइश होगी।।
तुम तन्हा हम तन्हा दोनो संग रहेंगे,,,
रिश्तों में वहां ना कोई आजमाइश होगी।।
सुकून से कटेगी जिंदगी अपनी,,,
हर सम्त बस मोहब्बत की बारिश होगी।।
जन्नत से सब्ज बाग होंगें वहां पर,,
जरूरत की ना कोई फरमाइश होगी।।
डर ना होगा कुछ भी लुट जाने का,,,
हर चीज ही वहां जैसे लावारिश होगी।।
हर शू बस सुकूं ही सुकूँ होगा,,,
अधूरी ना कोई दिल की ख्वाहिश होगी।।
अश्क तड़पर्गे झलक जाने के लिए,,,
रोने के लिए करनी गुजारिश होगी।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ