*”खुशबू “*
“खुशबू”
खुशबू बता रही है वो रास्ते में है
मौसम परिवर्तन पत्ते झड़ते जाते ,
नव पल्लव फिर से उग आते ,
हरियाली चहुँ ओर फैल जाते ,
उपवन में पुष्प खिले सुंगध बिखेरते ,
खुशबू बता रही है वो रास्ते में है..! !
सूर्य उदित भोर हो खुशी छाई ,
पंछियों की चहचहाट मधुर आई ,
देवालयों में शंख ध्वनि दी सुनाई ,
शीश झुकाते विनती कर दुहाई ,
खुशबू बता रही है वो रास्ते में है…! !
किसी के आने की आहट आये ,
खबर सुनते ही मन खुश हो जाये ,
राह तकते द्वार पे जब कोई आये ,
खुशबु से सारा घर महकता जाये ,
धड़कन तेज हो मन बांवरा हो जाये ,
खुशबू बता रही है वो रास्ते में है….! !
अंतर्मन से प्रभु को पुकारते ,
साक्षी भाव से दर्शन हो जाये ,
राग द्वेष छोड़ प्रभु नाम जपते जाये ,
संदेश दे संकेत देकर कुछ कह जाये ,
अंतरात्मा कह उठती है ….
खुशबू बता रही है वो रास्ते में है…! !
शशिकला व्यास✍️