खुशबू चमन की।
खुशबू चमन की किसको अच्छी नहीं लगती।
आबरू अब किसी में हमें सच्ची नहीं दिखती।।1।।
हया व लाज़ भी गहना होता है लड़कियों का।
सयानी हो गईं है बिटिया यूं बच्ची नहीं लगती।।2।।
वहशीपन से भरे दिल है बेटीयों कैसे बचाएं।
मत तोड़ो फूल,कली अभी पक्की नहीं लगती।।3।।
इश्क में ये दिल तुम्हारी बेवफ़ाई सहेगा नहीं।
क्योंकि अब हमें तन्हाइयां अच्छी नहीं लगती।।4।।
तमाम उम्र काट दी दीवानों के शहर में हमनें।
मोहब्ब्त की बातें अब हमें सच्ची नहीं लगती।।5।।
सुकूँन चाहते है अब हम बस इस दुनियां में।
लड़ाई झगड़े में कभी ये जिन्दगी नहीं बनती।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ