खुशनुमा पल #100 शब्दों की कहानी#
मुझे याद है आज भी वो दिन जब डॉक्टर ने तीसरी बार हार्निया की सर्जरी के लिए जनवरी की तारीख तय कर दी और कॉलोनी में हमारे, 31-दिसंबर को नववर्ष के स्वागत के अवसर-पर पति-पत्नी के जोड़ी से डांस करने की प्रतियोगिता रखी । मुझे बचपन से ही शौक रहा डांस का, पति के राजी नहीं होने पर भी उत्साह के साथ बना लिया मन, सोचा अभी तो शामिल हो जाएं, आनंद उठा लें, इस खुशनुमा पल का ।
बेटी ने मनाया पापा को, हाथ-कंगन-को-आरसी-क्या, प्यार-भरे दो-दिल पहली-बार हाथों में हाथ डाले मधुर-संगीत पर थिरके, बच्चे भी झूमे ।