Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 2 min read

खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है

खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है

खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तुझ पर उसके करम का साया है

खुशकिस्मत है तू कि तू उसकी राजा से यहाँ आया है
माँ लेगा जो तू उसकी सत्ता को , तुझ पर उसके करम का साया है

बनकर फूल तुझको इस जहां में खिलना है
इस चमन का नूर बनकर तुझे यहाँ संवारना है

राहों को आसान कर तुझे मंजिल पाना है
ये जहां तेरी कर्म राह का ठिकाना है

निर्बाध तू बढ़ता जाए इस जहां में
तुझे ही तो आदर्श की गंगा बहाना है

तुझे पीछे चलना नहीं किसी के
तुझे लोगों को अपने पीछे लाना है

कि मौसमे बहार में पतझड़ भी आता है
तुझे सावन बन पतझड़ पार जाना है

किस्सा नहीं बनना तुझको इस जहां में
खींचनी है आदर्शों की रेखा तुझको

कि कुछ तस्वीरें ऐसी तुझे बनानी हैं
जिनमे केवल जीवन ही जीवन रवानी है

कि गिरते हैं वो मुसाफिर जीवन की राह में
जिनकी आँखों का सपना मंजिलें नहीं होतीं

तू वो रचना है उस खुदा की इस जहां में
जिसे नए – नए आयाम स्थापित करके जाना है

कि तू वो सवार नहीं जो ज़रा सी आँधियों से डर जाए
तू तो वो शै है जिसे तूफ़ान को भी हराना है

मस्त चाल से जो तू बढ़ता जाएगा
आसमां भी तेरी कामयाबी पर शरमायेगा

चाँद सितारे देंगे दुआयें तुझको
तेरे प्रयासों से एक और चाँद धरती पर खिल जाएगा

खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तुझ पर उसके करम का साया है

Language: Hindi
1 Like · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
लेखनी का सफर
लेखनी का सफर
Sunil Maheshwari
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
Ajit Kumar "Karn"
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
DrLakshman Jha Parimal
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
नयी सुबह
नयी सुबह
Kanchan Khanna
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
मन मेरा दर्पण
मन मेरा दर्पण
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो सहेलियों का मनो विनोद
दो सहेलियों का मनो विनोद
मधुसूदन गौतम
नादान था मेरा बचपना
नादान था मेरा बचपना
राहुल रायकवार जज़्बाती
Life isn't all about dating. Focus on achieving your goals a
Life isn't all about dating. Focus on achieving your goals a
पूर्वार्थ
नर जीवन
नर जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
.
.
*प्रणय*
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
Sageer AHAMAD
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम आज़ाद या गुलाम ?
हम आज़ाद या गुलाम ?
Pooja Singh
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
Dr Archana Gupta
"बेहतर"
Dr. Kishan tandon kranti
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
Shweta Soni
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
हाइब्रिड बच्चा (मुक्तक)
हाइब्रिड बच्चा (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
Loading...