खुल गई औक़ात
खोखली निकली बात उसकी
खुल ही गई औकात उसकी
फिर भीड़ ने मार डाला उसे
पहले पूछी थी ज़ात उसकी
वह शख्स लातों का भूत था
समझ में न आई बात उसकी
इश्क़ का तो वह खिलाड़ी था
फिर क्यों हो गई मात उसकी
वह झुकी नजरें भी याद हैं
वह पहली मुलाकात उसकी
पशेमानी से क्या फायदा
मान लेता हक बात उसकी