खुबसुरत फूल
फूल कितने खुबसुरत होते है,
रंग बिरंगे प्यारे होते है.
बाग मे खिलते है,
सब के मन को वो भाते है…
बडे सवेरे वो खीलते है,
कांटो के ताज पे रहते है.
डाली पर खिलकर तूम,
हमेशा ही मुस्कुराते है…
तीतलीया तूम्हे देखकर,
मुस्कुराती रहती है.
तुम्हारी खुबसुरती पर,
भौरे भी गीत सुनाते है…
व्हँलेन टाईन डे हो या रोज डे,
तुम्हारे कया कहने होते है.
किसी को प्रपोज करणे के लीए,
तुमसे शुरूवात होती है…
कभी भगवान के सीर,
की शोभा बड़ाते हो.
तो कभी तुम,
गुलदस्ते की शोभा बड़ाते हो…
पर तुटकर डाली से तुम,
कितना दर्द तूम्हे होता है.
अपना दर्द तुम भुलकर,
सबके चहरे पे मुस्कान लाते हो…2