खुद से
मैं जो खुद से खफा रहता हूं
देख तुझे मनाने आया हूं
जताया नही कभी हक मेरा मैने
तुझे तेरे सारे हक बताने आया हूं
इस तरह मुझे दरकिनार ना कर जाना
उजड़ कर खुद को तुझे बसाने आया हूं
काफी नही था वो एक हादसा हसरत
फिर से खुद को सताने आया हूं ।।