खुद से मिलना अच्छा लगता है
खुद से मिलना अच्छा लगता है ,
ता उम्र सबसे मिलने मे गुजार दी
फिर भी पाया खुद को तन्हा ,
जब से पाया है खुद का साथ,
खुद से मिलना अच्छा लगता है ।
समय खुद के लिए निकाल कर ,
उलझी जुल्फे सँवारना अब अच्छा लगता है ।
अपनी पुरानी दोस्तो से पुरानी यादे ताजा करना अब अच्छा लगता है ।
खुद के लिए समय निकाल कर काफी की चुस्की लेना अब अच्छा लगता है ।
पुरानी एलबमे निकाल बीते लम्हे
तराशना अब अच्छा लगता है ।
कुछ काम कल पर भी टाल कर ,
ननद भाभी व बहनों से बात करना अच्छा लगता है।
कम वॉल्यूम पर पुराने सदाबहार गीत सुनना भी अब फिर से अच्छा लगता है।
आज मेरा मन नही है कहकर कभी कभी बाहर से खाना मंगवाना अब अच्छा लगता है ।
अचानक किसी गाने पर यूं थिरक जाना अब भी अच्छा लगता है ।
कोई क्या कहेगा मुझे यह सब करता देख , अब यह न सोचना मुझे अच्छा लगता है ।
सबको जान लिया अब खुद को जानना , अपने मन के आइने मे खुद को पहचानना
सबको खुश करते करते , अब खुद को भी खुश रखना मुझे अच्छा लगता है ।
जब से पाया है खुद का साथ,
खुद से मिलना अच्छा लगता है ।
दीपाली कालरा
सरिता विहार
नई दिल्ली