खुद से गुफ्तगू
हर जवाब मिलता है,
कभी खुद से गुफ्तगू करके तो देखो।।
हजारों शिकायतें रहती हैं अपने आप से ही रोज,
कभी अपने आप को अपना बना कर तो देखो।।
अपने अंधेरे को तन्हाई की दोस्त बना दो,
फिर उसकी परछाई को महसूस करके तो देखो,
हर आलम अपना सा लगता है,
हर जवाब मिलता है,
कभी खुद से सवाल करके तो देखो।।
क्या सही है क्या गलत है,
सब कुछ साफ प्रतीत होगा खुले आसमान जैसा,
एक बार खुद को उस लायक बना कर तो देखो।।
जिंदगी करवट बदलती रहती है हर मोड़ पर
कभी सही लगती है तो कभी गलत-सी प्रतीत होती है,
मगर खुद पर एतबार कर सही गलत का सवाल कर,
जवाब तलाशने की,
कभी कोशिश तो करो,
हर जवाब मिलता है,
कभी खुद से गुफ्तगू करके तो देखो।।।
हर जवाब ,हर सवाल अपना सा लगता है,
कभी खुद को खुद के लिए वक्त निकाल कर तो देखो।।।
…..SHIKHA