खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
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खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
परम मुक्ति का आ उसे, देते प्रभु वरदान।।
ज्येष्ठ मास एकादशी, रख निर्जल उपवास।
प्यासे को जलदान कर, पूरी हो अरदास।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
परम मुक्ति का आ उसे, देते प्रभु वरदान।।
ज्येष्ठ मास एकादशी, रख निर्जल उपवास।
प्यासे को जलदान कर, पूरी हो अरदास।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद