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10 May 2023 · 1 min read

बंद आंखें कर ये तेरा देखना।

ग़ज़ल

2122/2122/212
बंद आंखें कर ये तेरा देखना।
तू ही गड्ढे में गिरेगा देखना।

झूठ का पर्दा हटेगा एक दिन,
तू हकीकत से मिलेगा देखना।

अपने दुष्कर्मों के खातिर एक दिन,
ग्लानि खुद से तू करेगा देखना।

बेकसूरों पर तेरा जुल्मों सितम,
जेल में तू भी सड़ेगा देखना।

आबरू इज्जत भी अब खतरे में है,
और क्या क्या अब पड़ेगा देखना।

और कुछ दिखता नहीं, जो भी घटे,
उनको सत्ता का नजारा देखना।

प्यार प्रेमी ने किया गलती हुई,
अब न चाहेंगे दुबारा देखना।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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