खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
जीवन को भैया,न खतरों में डाल
नशा मशा करने की,आदत न डाल
नशा जो करोगे तो, जल्दी तुम मरोगे
बड़ी बड़ी बीमारियों से, भैया तुम घिरोगे
चल भी न पाओगे, बिस्तर पर पड़ोगे
प़ियजन और पुरजन, पड़ा रहेगा साजवाज
सबको दुखी छोड़ छाड़, पड़ोगे काल गाल
खुद को सम्हाल, भैया खुद को सम्हाल
जीवन को भैया न खतरे में डाल
स्मैक हेरोइन और शराब,सेहत को हैं खराब
सिगरेट अफीम डोडे, और सभी मादक पदार्थ
बीड़ी और तम्बाकू, गांजा भंग गुड़ा कू
कैंसर के कारक हैं,रोग के बढ़ा कू
सेवन जो करोगे तो खौंफनाक मरोगे
पड़े पड़े बिस्तर पर, जीवन को तरसोगे
खुद के ही कर्मों से, होगा बुरा हाल
खुद को सम्हाल भैया खुद को सम्हाल
जीवन को भैया न खतरे डाल
नशा वशा करने की आदत लग जाती है
इज्जत और आबरू बिलकुल घट जाती है
नशेड़ी समझ कर, दुनिया दूर जाती है
नशे वशे की आदत, अपराध भी कराती है
ऐसे खतरनाक शौक, हरगिज न पाल
खुद को सम्हाल भैया खुद को सम्हाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी