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21 Jun 2022 · 1 min read

खुद को यूं ही निखार लेते हैं ।

खुद को यूं ही निखार लेते हैं ।
दर्द अपना संवार लेते हैं ।।

देख लेते हैं आईना जब भी ।
अपनी नज़रे उतार लेते हैं ।।

बे’खुदी में शुमार न करना ।
तुमको अक्सर पुकार लेते हैं ।।

याद करके तुम्हें हम हर लम्हा ।
वक़्त यूं भी गुज़ार लेते हैं ।।

क़र्ज़ देते हैं अपनी सांसों का ।
हम कहां कुछ उधार लेते हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
5 Likes · 106 Views
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