खुद की चाहत
मुलाकात मुमकिन ना हो तो
इक- दूजे को याद तो कर ही सकते है ।
यूँ ही ना गुजर जाए ज़िन्दगी बेरौनक सी ,
कुछ पल ख़ुशी से तो जी ही सकते है ।
ठहाके लगाना सम्भव ना हो तो ,
मुस्कुराहट होठों पे तो सदा रख ही सकते है ।
ज़िन्दगी मे दर्द दूसरों से मिले तो ,
मरहम खुद से तो लगा ही सकते है ।
असफलता कितनी भी बार आए तो भी ,
इक बार और प्रयास तो कर ही सकते है ।
मुश्किलों का कोहरा घना हो तो ,
खुद को हिम्मती उजियारा दे ही सकते है ।