खुद की खबर नहीं
अपने सिवा किसी को कहां मानते हैं लोग
सारे जहां की ख़ाक मगर छानते हैं लोग
अपनी खुद की कहीं कोई खबर ही नहीं
अपने से ज्यादा दूसरों को जानते हैं लोग ।
अपने सिवा किसी को कहां मानते हैं लोग
सारे जहां की ख़ाक मगर छानते हैं लोग
अपनी खुद की कहीं कोई खबर ही नहीं
अपने से ज्यादा दूसरों को जानते हैं लोग ।