खुद उसके घर में पीने के लिए पानी नही है
उसका यही बचकाना रवैया तो हैरान कर रहा है
जिसे जंग से बचना चाहिए वही ऐलान कर रहा है
खुद उसके घर में पीने के लिए पानी नही है
हमे समंदर दिखा दिखा के परेशान कर रहा है
पिछले चार बार में वो बहोत अच्छे जान गया है हमे
इस बार जानकर भी अंजान कर रहा है
बेगैरत नाम के उलट रखता है शख्सियत अपनी
सब्ज मिट्टी को रेगिस्तान कर रहा है
हमसे वो जमीन के झगड़े में तबाह हुआ जा रहा है
आज जब चॉद का सफर इंसान कर रहा है
मंगल पर मुकाम बनाकर आबताब है हमारी ऩयी मंजिल
अब उधर देख रही है दुनिया जिधर तनहा इशारा हिन्दुस्तान कर रहा है