खुदा के रहमत मान के
तुम चाहें जितना छुपा लों
चाहे तो सबसे नज़र चुरा लों
फिर भी तुम्हें चैन कहां मिलेगा
बेचैनी की चादर तो तुमने खुद ओढ़ा है
तुम्हें लगता हैं कि प्यार खुशियों का जन्नत हैं
तो जीवों सबसे नज़र मिला के
हमपे अपना बना के,सबके होश उडा के
इसे पूजो खुदा के रहमत मानके।।