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8 Apr 2022 · 1 min read

खिड़की

ग़मों से तपती हुई
धूप में जलता हुआ ,
अश्क़ों के जाम में
दर्द उफनता हुआ ,
निग़ाह से आसमां की
बूंदें सी ढलक चली ,
तुझे पाने की चाहत में
ख़्वाब की खिड़की खुली

Language: Hindi
159 Views
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