Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

खिलते फूल

एक बंजर सा खेत था।
उसको देख माली बाबा ने कमर कसी।

फिर माली बाबा ने उस खेत को सींचा हंसी खुशी।

हौले हौले एक बगिया, अपनी मेहनत से बना दी हैं।
रोज निराई गुडाई कर,
फूलो की हंसी खूब खिला दी है।।

दिल से मेहनत करके,
सुन्दर फुलवारी बना दी है।
अपने इस कर्म से,
तितली भंवरो के मन मे खुशी भर दी है।।

माली बाबा ने अपने फूलो को,
इतना खास बना दिया है।
डलिया में फूल भरके ,
उनको हाट तक पहुँचा दिया है।।

खिंचा हुआ एक शहरी आया, ।
उसको फूल भा गये हैं।
उसने झट से पैसे देकर,
फूल अपने बना लिये है ।।

उसके संग खुशी से ,
फूल महकते उसके घर आते है।
घरवालो का मन हरषाते,
सबका मन बहलाते हैं।।

माली बाबा इतने हर्षित हैं,
कि और भी फूल खिलाते हैं।
उन की प्रसन्नता देखकर,
फूल भी खिलते जाते हैं।

डा. पूनम पांडे

Language: Hindi
2 Likes · 132 Views
Books from Punam Pande
View all

You may also like these posts

फुरसत
फुरसत
अर्पिता शगुन त्रिवेदी
ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
चेहरा ।
चेहरा ।
Acharya Rama Nand Mandal
****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
यहां दिल का बड़ा होना महानता और उदारता का प्रतीक है, लेकिन उ
यहां दिल का बड़ा होना महानता और उदारता का प्रतीक है, लेकिन उ
पूर्वार्थ
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
shabina. Naaz
आदमी और जीवन
आदमी और जीवन
RAMESH Kumar
करवाचौथ
करवाचौथ
Satish Srijan
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
बताओ मैं कौन हूं?
बताओ मैं कौन हूं?
जय लगन कुमार हैप्पी
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
Sidhant Sharma
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बेबस बाप
बेबस बाप
Mandar Gangal
हिंदी भाषा नही,भावों की
हिंदी भाषा नही,भावों की
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सखि री!
सखि री!
Rambali Mishra
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
Abhishek Soni
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
डॉ. दीपक बवेजा
नारी री पीड़
नारी री पीड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अधर घटों पर जब करें,
अधर घटों पर जब करें,
sushil sarna
मैं लेखक हूं
मैं लेखक हूं
Ankita Patel
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
* गीत मनभावन सुनाकर *
* गीत मनभावन सुनाकर *
surenderpal vaidya
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
Rj Anand Prajapati
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
- इतना ही समय लिखा था कुदरत ने मेरे कथित अपनो के साथ -
- इतना ही समय लिखा था कुदरत ने मेरे कथित अपनो के साथ -
bharat gehlot
3631.💐 *पूर्णिका* 💐
3631.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...