खिताब
मैं एक शेर लिखता हूं..कोई किताब नहीं
न जाने कितने बिखर गए कोई हिसाब नहीं
ये मेरा शौक है यारों सुन के मजा लो
मेरे फन का कोई खिताब नहीं
मैं एक शेर लिखता हूं..कोई किताब नहीं
न जाने कितने बिखर गए कोई हिसाब नहीं
ये मेरा शौक है यारों सुन के मजा लो
मेरे फन का कोई खिताब नहीं