Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2023 · 1 min read

लेखनी चलती रही

शैशवी मन के पुलक की कल्पना लिखती रही।
धर मृदुल-पग ज़िन्दगी, प्रस्तावना लिखती रही।।

हो वसंती-सा गया मन, नववधू-सी वेदना,
कल्पना मधुयामिनी की कामना लिखती रही।

भावना ने प्रेम-पूरित छंद-लय सब रच दिया,
दिव्यता अभिव्यक्त हो कर, साधना लिखती रही ।।

रूपसी बन प्रेम-बेला, हो रही श्रृंगार-रत,
हो समर्पित कामिनी, आराधना लिखती रही।

कर दिया अवरुद्ध जीवन-पथ अकथ संभाव्य ने,
आयु विचलित रह, नई संभावना लिखती रही।।

रश्मि लहर

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 236 Views

You may also like these posts

गीत- नयी हसरत लिए चल तू...
गीत- नयी हसरत लिए चल तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
जोर जवानी चुटकी में।
जोर जवानी चुटकी में।
Kumar Kalhans
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
पूर्वार्थ
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
Rekha khichi
मैं अवनि...
मैं अवनि...
Santosh Soni
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
मान हो
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
युद्ध और शांति
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"कहीं तुम"
Dr. Kishan tandon kranti
sp106 दीपावली -दीप + आवली
sp106 दीपावली -दीप + आवली
Manoj Shrivastava
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
Manisha Manjari
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-562💐
💐प्रेम कौतुक-562💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यह कैसा रिश्ता है
यह कैसा रिश्ता है
Minal Aggarwal
🙅एक शोध🙅
🙅एक शोध🙅
*प्रणय*
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
Loading...