खिताब
विषय…..खिताब
विधा ….. ग़ज़ल
दिनांक….21/06/21
………. ग़ज़ल
दे सको तो, मुझको तुम किताब दे दो।
मेरे हिस्से का मुझे, हिसाब दे दो।।
जाने कब से कर रहे हो, गुमराह हमको।
आज सवालों का मेरे, जवाब दे दो।।
मैंने चाहा मैंने माना, तुमको अपना ।
कुछ नहीं बस ,एक तुम गुलाब दे दो।।
है नहीं मुमकिन यदि, कुछ भी ए-सागर।
बेवफाई का मुझे, खिताब दे दो।।
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जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
हापुड़, उत्तर प्रदेश