222. प्रेम करना भी इबादत है।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
"मुस्कुराते हुए ही जिऊंगा"
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
मेरा प्यारा राज्य...... उत्तर प्रदेश
अपने जीवन में समस्या को समझने के बजाय, हम उसकी कल्पना करके उ
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।