विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
आँखों से आँखें मिलाने को वो तैयार रहती है,
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
: कितनी प्यारी सहज सरल हो... ( हिन्दी दिवस पर )
क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको,
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
भगवन तेरे भारत में ये, कैसी विपदा आई है....!
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**