खास रिश्ता
कितने भी कर ले मुझ पर सितम
या दे जमाने भर का गम
तेरे लिए सब माफ़ है
संग तेरे रिश्ता ही कुछ खास है
बना ले चाहे मुझ संग कितनी भी दूरी
अपनी भी तो है कुछ मजबूरी
खुश रहे या तू रहे उदास
अपना दिल रहेगा तेरे ही पास
चाहे हो जाए तू मुझ से नाराज
बार-बार दूंगा फिर भी आवाज
सुनेगी जब तू अपना दर्द ए दिल
बढ़ जाएगी तेरी भी मुश्किल
आज नही तो कल
मचेगी तेरे दिल भी हलचल
मुझे मेरे प्यार पर है विश्वास
क्योंकि संग तेरे रिश्ता है खास