खास दीवाली आई है’…?
खास दीवाली आई है…
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बहुत हो गया रोना-धोना,
अब तो तुम एतबार करो ।
आग लगाई है जिसने भी,
उसपर ही,तुम अब वार करो।
मंहगाई की मार झेलती,
जनता क्यों परेशान हुई।
सबको पता है असलियत इसकी,
क्यों जनता बदहाल हूई ।
कर्मविमुख है,सबके सब जब,
क्यों उसपर इल्जाम धरे।
ह्रदय टटोलोगे, तब देखोगे ,
सीता क्यों बदनाम हुई ।
कंटकवाणों से अहर्निश ,
वीर धनुर्धर चोटिल है।
सत्यपरायण रुकता नहीं फिर भी,
कर्मों से वो तो बोझिल है।
आज हिंद ने खोया गौरव,
खुद का वापस पाया है ।
रामलला संग सिया जानकी,
फिर से घर को आये हैं ।
खोया कश्मीर का उत्तर कोना,
एक तिरंगा पाया है ।
लालचौक पर बड़े शान से,
वर्षों बाद लहराया है ।
छोटी आँखों वाला रावण ,
रक्तबीज वाण चलाया था।
वुहान शहर में चढ़ी प्रत्यंचा ,
भारत पर निशाना लगाया था।
ये भी युद्ध था, सबने देखा,
कितने प्राणों की आहुति ले ली।
हमने झेला इसको डटकर ,
फिर से रावण की चिता जला दी ।
सप्तरंगी रंगोली सजालो,
अमावस पर्व निराली है।
नाचो-गाओ,खुशी मनाओ
खास दीवाली आई है।
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०४ /११ /२०२१
मोबाइल न. – 8757227201